निचलौल:ग्रामप्रधान उपचुनाव में पूर्व प्रधान स्व.लल्लन यादव के पुत्र को मिली जीत
पूर्व प्रधान लल्लन यादव के निधन के बाद डोमा का सीट चल रहा था खाली उपचुनाव में पूर्व प्रधान स्वर्गीय लल्लन यादव के पुत्र अनिल यादव को ग्रामीणों ने दिया मौका

निचलौल, महराजगंज: विकास खंड निचलौल के ग्रामसभा डोमा में हुए ग्राम प्रधान उपचुनाव में अनिल यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राजन गुप्ता को 376 मतों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की। यह उपचुनाव ग्राम प्रधान स्वर्गीय श्री लल्लन यादव के निधन के कारण रिक्त हुए पद को भरने के लिए हुआ था।
चुनाव में यादव परिवार की मजबूत पकड़ देखने को मिली, जिसमें अनिल यादव के चाचा श्री किशुन यादव का भी विशेष योगदान रहा। पूरे यादव परिवार और समर्थकों ने एकजुट होकर चुनावी रणनीति बनाई, जिसका नतीजा यह हुआ कि एक बार फिर ग्रामसभा में यादव परिवार का दबदबा कायम रहा।
चुनाव परिणाम और जीत की खुशी
चुनाव परिणाम घोषित होते ही अनिल यादव के समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। क्षेत्र के तमाम ग्रामीण, समाजसेवी और समर्थक अनिल यादव को फूल-मालाओं से लादकर उनका स्वागत करने पहुंचे। वहीं, चाचा किशुन यादव ने भी अनिल यादव को आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह जीत सिर्फ यादव परिवार की नहीं, बल्कि पूरे ग्रामसभा की है।
अनिल यादव ने अपनी जीत को ग्रामवासियों को समर्पित करते हुए कहा, “यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि पूरे गांव की जीत है। मेरे पिता जी ने जिस विकास की नींव रखी थी, मैं उसे और आगे बढ़ाने का संकल्प लेता हूं।”
परिवर्तित समीकरण और विरोधियों की हार
इस चुनाव में रोचक बात यह रही कि पहले यादव परिवार के भीतर ही संघर्ष देखने को मिलता था, जहां श्रीकिशुन यादव और लल्लन यादव एक-दूसरे को हराकर प्रधान पद हासिल करने की कोशिश करते थे। लेकिन इस बार समीकरण बदल गए। यादव परिवार पूरी तरह एकजुट रहा, जिससे राजन गुप्ता को करारी शिकस्त मिली।
ग्रामसभा के वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि “अनिल यादव की जीत यह साबित करती है कि गांव की जनता अब विकास चाहती है, न कि आपसी गुटबाजी।”
आगे की योजना और गांव के विकास का वादा
जीत के बाद अनिल यादव ने अपने समर्थकों का आभार व्यक्त किया और कहा कि वे गांव के विकास के लिए तत्पर रहेंगे। सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार उनकी प्राथमिकता होगी।
इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही अनिल यादव ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी संभाल ली है। अब देखना होगा कि वे अपने कार्यकाल में गांववासियों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं।