उत्तर प्रदेश

बांदा में रेहड़ी-पटरी वालों के विस्थापन पर जेडीयू महिला प्रकोष्ठ ने की कड़ी आपत्ति

बांदा:नगर प्रशासन द्वारा अशोक लाट से महाराणा प्रताप चौक और अशोक लाट से क्योटरा तिराहा तक सड़क चौड़ीकरण के नाम पर रेहड़ी-पटरी वालों को जबरन हटाने की कार्रवाई की गई है। इस फैसले से सैकड़ों छोटे व्यापारियों और श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी सिंह पटेल ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए इसे स्ट्रीट वेंडर (प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग) एक्ट 2014 का सीधा उल्लंघन बताया है।

न्याय की मांग, पुनर्वास की जरूरत

शालिनी सिंह पटेल ने कहा कि गरीब और मेहनतकश लोगों को बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के हटाया जाना तानाशाहीपूर्ण और अमानवीय है। यह प्रशासन की विफलता को दर्शाता है, जो लगातार शोषित वर्गों के अधिकारों की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका द्वारा पूर्व में भी इसी सड़क का चौड़ीकरण किया जा चुका है, ऐसे में इसे दोबारा तोड़कर नया निर्माण कराना सरकारी धन की बर्बादी है।

सरकार और प्रशासन से सवाल

1. स्ट्रीट वेंडर एक्ट 2014 के तहत बिना पुनर्वास के किसी भी फुटपाथ विक्रेता को हटाया नहीं जा सकता, फिर भी बांदा में इस कानून की अनदेखी क्यों की गई?

2. गरीबों के पुनर्वास की कोई योजना प्रशासन ने क्यों नहीं बनाई?

3. पहले से चौड़ी सड़क को फिर से तोड़ने का क्या औचित्य है?

 

संघर्ष जारी रहेगा

शालिनी सिंह पटेल ने ऐलान किया कि अगर प्रशासन जल्द ही रेहड़ी-पटरी वालों के पुनर्वास की व्यवस्था नहीं करता, तो जेडीयू जिला कमेटी सहित महिला प्रकोष्ठ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि विस्थापित विक्रेताओं को जल्द से जल्द उचित स्थान पर बसाया जाए और सरकारी धन की बर्बादी पर रोक लगाई जाए।

“गरीबों की रोजी-रोटी छीनना स्थानीय जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की असंवेदनशीलता को दिखाता है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे लगातार स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के द्वारा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के छवि को धूमिल किया जा रहा है प्रधानमंत्री ,मुख्यमंत्री की छबि खराब करने वाले अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियो के खिलाफ और जनता के हक ,अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रहेगा।” ।

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