बच्चों के हाथों में किताब की जगह थमा दिया गया फावड़ा, नाबालिगों से कराई जा रही मनरेगा की मजदूरी

हैप्पी नायक,महराजगंज
महराजगंज/लक्ष्मीपुर :- जनपद में सरकार द्वारा निर्धारित नियमो की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। यहां नाबालिग बच्चों से मनरेगा योजना के तहत होने वाले काम को कराया जा रहा है। काम करने वाले कई बच्चे प्राथमिक और जूनियर स्कूल के विद्यार्थी है। इन्हें मजदूरी का भुगतान इनके अभिभावकों के खाते में किया जाता है। जिस उम्र में इनके हाथों में किताबे और पेन होना चाहिये था, उस उम्र में इन बच्चों के हाथों में फावड़ा, कुदाल व मिट्टी से भरे तसले देकर काम कराया जा रहा है। एक तरफ जहां देश के नौनिहालों को शिक्षित करने के लिए सरकार करोड़ो रुपये खर्च कर रही है। वहीं दूसरी तरफ यहां काम कराने के लिए नौनिहालों के भविष्य से खुले आम खिलवाड़ हो रहा है।
ताजा मामला महराजगंज जनपद के लक्ष्मीपुर ब्लॉक के बैरवा बनकटवा गांव से जुड़ा है। यहां मनरेगा योजना के तहत हो रहे काम में लगभग तीन बच्चे काम कर रहे हैं। वहीं जिम्मेदार अधिकारी से लेकर कार्य स्थल पर काम कराने वाले जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा इनकी अनदेखी की जा रही है। वैसे तो बाल श्रम कराना कानूनन अपराध है। लेकिन यहां न तो काम कराने वालों को इसका डर है और न ही करने वालों को। जो नाबालिग बच्चों को काम पर रख कर उनके अधिकारों का हनन व शोषण किया जा रहा है।
मनरेगा काम करने हेतु नाबालिगों के जॉब कार्ड बन ही नही सकते। अगर बना तो यह बहुत ही बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। यदि नहीं बना है तो इन मासूम बच्चों का खून पसीना बहा शोषण कर फर्जी मस्टरोल भर कर भुगतान कर योजनओं में बंदरबांट करने वालों पर कार्यवाही क्यों नही होती है। इस सम्बंध में खण्ड विकास अधिकारी मृत्युंजय यादव ने बताया कि बच्चों का मस्टरोल नहीं निकाला गया है,यदि नाबालिग बच्चों से काम कराया जा रहा है तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।