सऊदी अरब में प्रवासी श्रमिक की मौत, चार मासूम बच्चों पर टूटा दुखों का पहाड़ | महाराजगंज जनपद की घटना

महराजगंज | 21 जून 2025
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। ठूठीबारी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत बोदना गांव निवासी सुरेन्द्र प्रजापति (उम्र 36 वर्ष), जो दो साल पहले परिवार की आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए सऊदी अरब गए थे, उनकी 28 मई 2025 को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
पारिवारिक जिम्मेदारी उठाने गया था विदेश, वापसी हुई शव में तब्दील
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सुरेन्द्र प्रजापति सऊदी अरब में मजदूरी का कार्य कर रहे थे। परिवार की जिम्मेदारियों के बोझ तले दबे सुरेन्द्र विदेश गए थे, ताकि चार बच्चों और पत्नी के बेहतर भविष्य का सपना साकार कर सकें। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। 28 मई को अचानक दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
गांव में पसरा मातम, आज हुआ अंतिम संस्कार
21 जून को करीब दोपहर 3 बजे सुरेन्द्र का पार्थिव शरीर बोदना गांव पहुंचा। शव के पहुंचते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। रोते-बिलखते परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। गांव के दुमोहान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
चार बच्चों और पत्नी का टूटा सहारा
मृतक सुरेन्द्र अपने पीछे पत्नी बासमती देवी (उम्र 32 वर्ष) और चार मासूम बच्चों को छोड़ गए हैं।
बच्चों के नाम हैं:
मनीषा (17 वर्ष)
सुनीता (14 वर्ष)
मनीष (10 वर्ष)
अमित (9 वर्ष)
अब यह परिवार पूरी तरह बेसहारा हो गया है। बच्चों की शिक्षा, पालन-पोषण और जीवन यापन की जिम्मेदारी अब अकेले बासमती देवी पर है, जो खुद भी ग़रीबी और बेबसी से जूझ रही हैं।
प्रशासन से मदद की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि मृतक के परिवार को उचित सरकारी सहायता, मुआवजा और बच्चों की शिक्षा हेतु विशेष मदद दी जाए। यह मामला एक बार फिर प्रवासी मज़दूरों की सुरक्षा और सामाजिक की हकीकत को उजागर करता है।
“क्या सरकार इस परिवार की मदद को आगे आएगी?”
आज जब एक प्रवासी श्रमिक की मौत के बाद चार मासूमों का भविष्य अंधेरे में डूबता नज़र आ रहा है, सवाल उठता है — क्या सरकार और प्रशासन संवेदनशीलता दिखाएंगे?