महराजगंज जिले के सोहगीबरवा, भोथहा और शिकारपुर गांवों में मनरेगा कार्यों में बड़ा घोटाला उजागर
◆महराजगंज जिले के सोहगीबरवा, भोथहा और शिकारपुर गांवों में मनरेगा कार्यों में बड़ा घोटाला उजागर◆

महराजगंज (उत्तर प्रदेश):
मनरेगा योजना के नाम पर सरकारी धन की लूट का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिले के निचलौल ब्लॉक अंतर्गत ग्रामसभा सोहगीबरवा, भोथहा और शिकारपुर गांवों में फर्जी फोटो के माध्यम से मजदूरों की उपस्थिति दर्ज करने का मामला प्रकाश में आया है।
तीन गांवों में 236 मजदूरों की फर्जी हाजिरी
1. सोहगीबरवा – यहां 3 नंबर पुलिया से 5 नंबर पुलिया तक के मुख्य मार्ग पर मिट्टी कार्य दर्शाया गया है, जहां 80 मजदूरों की फर्जी फोटो लगाकर हाजिरी बनाई गई।
2. भोथहा – 5 नंबर पुलिया से रोहुआ नाला तक मुख्य सड़क पर 86 मजदूरों की उपस्थिति रिकॉर्ड की गई, जबकि ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है।
3. शिकारपुर – अम्बेडकर जी की मूर्ति से 3 नंबर पुलिया तक के कार्य में 70 मजदूरों की फर्जी हाजिरी पाई गई।
सूत्रों के अनुसार इन स्थलों पर फर्जी फोटो को वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। फोटोशॉप जैसे साधनों का प्रयोग कर मजदूरों की नकली तस्वीरों से हाजिरी दर्शाई गई है।
प्रशासन मौन, सवालों के घेरे में निगरानी व्यवस्था
इस फर्जीवाड़े ने मनरेगा कार्यों की निगरानी पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीडीओ से लेकर ग्राम पंचायत तक सभी अधिकारी कैसे अनजान बने रहे? क्या यह मिलीभगत का नतीजा है?
ग्रामीणों ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
स्थानीय ग्रामीणों और समाजसेवियों ने इस मामले की जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यह सिर्फ तीन गांवों तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे ब्लॉक में फैला बड़ा नेटवर्क हो सकता है।
क्या कहता है मनरेगा कानून?
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत हर ग्रामीण परिवार को साल में 100 दिन की रोजगार गारंटी दी जाती है। इसके तहत पारदर्शिता, हाजिरी का लाइव रजिस्ट्रेशन और कार्य स्थल पर निगरानी अनिवार्य है, जो यहां पूरी तरह नजरअंदाज की गई है।
निशा प्रहरी समाचार पत्र की टीम की विशेष रिपोर्ट
हमारी टीम इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है। यदि आपके पास इस तरह की कोई जानकारी है, तो आप हमें भेज सकते हैं। हम जनता की आवाज़ को बुलंद करते रहेंगे।