मार्को हैंड पंप रिबोर के नाम पर हुआ लाखों खर्च फिर भी हैंडपंप नहीं हुए रिबोर पानी के लिए भटक रहे गांव की जनता ग्राम प्रधान डकार गए सारा पैसा

दिलीप कुमार रावत,बाराबंकी
रामसनेहीघाट बाराबंकी,
विकास खंड पूरेडलई के अंतर्गत कूढा गांव में कुछ तुम लूटो कुछ हम लूटे का खेल आज भी बरकरार है समस्या जस की तस बनी हुई है! आपको बताते चलें कि सरकार हर वर्ष लाखों करोड़ों रुपए हर एक ग्राम पंचायत के पीछे खर्च करती है ताकि गांव का अच्छे से विकास हो गांव की भोली भाली जनता का भला हो सरकार इंडिया मार्को हैंडपंप रिबोर के नाम पर लाखों रुपए खर्च करती है ताकी गांव की जनता को शीतल जल मुहैया हो सके लेकिन ग्राम पंचायतो में होता कुछ और है ऐसा ही जीता जागता उदाहरण कूढा में सामने आया जहा पर इंडिया मार्को हैंडपंप रिबोर के नाम पर ग्राम प्रधान ने हर साल लाखों रुपए निकाले लेकिन ग्राम पंचायत में लगे इंडिया मार्को हैंड पंप पूरी तरीके से रिवोर नहीं हो पाए गांव में एक ऐसा गरीब दलित परिवार है जिसके साथ ग्राम प्रधान शराफत अली के द्वारा काफी पक्षपात किया गया हैंडपंप रिबोर के नाम पर पैसा तो निकाल लिए लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है आज भी नल खराब अवस्था में वर्षों से पड़ा हुआ है यह परिवार पानी के लिए इधर-उधर भटकने पर मजबूर हो रहा है पीड़ित महिला रीता देवी ने बताया कि मेरे घर में एक भी नल नहीं है क्योंकि मेरे पास बहुत गरीबी है घर के बाहर एक न लग भी है तो वहां खराब अवस्था में वर्षों से पड़ा है ग्राम प्रधान से कई बार कहा लेकिन ग्राम प्रधान के द्वारा संतोष जनक जवाब नहीं मिला नहीं नल को सही करवाया हम लोग इधर-उधर दूर से पानी लेकर आते हैं जब किसी के दरवाजे पर पानी भरने जाते हैं तो लोग मुझे टोकते है
यह परिवार दलित होने का दंस झेल रहा है आज भी देश आजादी के बाद भी यह एक परंपरा चल रही है कि जहां पर दलित बस्ती है वह पर उनके साथ पक्षपात आज हो रहा है उनकी बस्तियों में ना ही सड़के बनाए जाती हैं नहीं नाली बनाई जाती हैं समस्या जस की तस बरकरार रहती हैं
इस गांव में प्रधान द्वारा सरकारी काम को किस तरह कागजों पर दिखाकर पैसे को डकार लिया जाता है यह किसी से छुपा नहीं है!
क्या बोले जिम्मेदार
इस संबंध में पूरेडलई के तेज तर्रार युवा खंड विकास अधिकारी शिवजीत सिंह ने कहां की आपके द्वारा जानकारी मिली है जल्द ही पीड़ित परिवार को इस समस्या से निजात दिलाएंगे