दोस्ती जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है-सुनील चौधरी

दोस्ती की कोई कीमत नहीं होती, दोस्ती में कोई मतलब नहीं होता,जहाँ मतलब वहां दोस्ती खत्म_! इस बात को बड़े अच्छे से जानता है,मेरा प्यारा दोस्त हर एक नई सुबह में वो मेरी आँखों के देखे सपनों को पूरा करने के लिए निकल जाता है, उसकी आहाट ही मुझे मेरे वजूद से मिलाती है। उसके बिना मैं खुद की कल्पना तक नहीं कर सकता, क्योंकि मैं जानता हूँ कि मेरा अस्तित्व मेरे दोस्त की खुशियों पर टिका हुआ है_! कैसे कह दूँ कि मैं कभी खुद से नहीं मिला, बात तो यह है कि मेरे दोस्त से मिलने के बाद मैंने जाना कि वो मेरा और मैं उसका साया हूँ।
“वो दोस्ती ही क्या जिसमे आप जैसा यार न हो,वो यार ही क्या जिसके लिए हमारे दिल में प्यार न हो”
वो जिन्दगी ही क्या जो दोस्त पर जान निसार न हो_!
मेरी बातों को शब्द पूरे होने से पहले जान जाता है, मेरे सुख-दुःख को मेरा दोस्त अच्छे से पहचान जाता है। उसका मजाकिया अंदाज़ मेरे हर तनाव को दूर करने के लिए प्रेरित करता है, मैं सोच भी नहीं सकता कि मेरे ऐसे कौन से अच्छे कर्म रहे होंगे, जो मेरी उससे दोस्ती हुई। ज़माने से थोड़ा अलग है मेरा दोस्त, जो किसी को भी तकलीफ में देखकर खुश नहीं रह सकता है। मेरा दोस्त मेरी पहचान है, इसके बिना कुछ नहीं, कुछ भी नहीं_! कैसे कोई इंसान रह सकता है दोस्ती के बिना कभी, बस यही सोचकर मैं घबरा जाता हूँ क्योंकि जब जब मैं चलता हूं, साये भी मेरे साथ चलती है ,साया आपका साथ कभी नहीं छोड़ने वाली_! जाते-जाते कहूँगा अगर बिकी तेरी दोस्ती तो उसके पहले खरीदार हम होंगे, तुम्हें खबर भी नहीं होगी, की तुम्हें पाकर सबसे अमीर हम होंगे_!!