न्यू सहारा हॉस्पिटल पर कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज, मानक विहीन संचालित डीआर सर्जिकल हॉस्पिटल बना चर्चा का विषय

नेहा मिश्रा,संवाददाता रायबरेली
महराजगंज रायबरेली। अवैध अस्पतालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की पैनी नजर बन चुकी है, लगातार इन अवैध अस्पतालों की वजह से कई जाने जा चुकी है जिसके बाद मामला मीडिया में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की फजीहत होना शुरू हो गया था जिसके बाद विभाग लगातार जांच कर कार्यवाही में जुट गया है।
महराजगंज के ‘न्यू सहारा हॉस्पिटल’ में हो रही कार्यवाही के बाद अन्य अवैध अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया। वहीं डॉ अरविंद कुमार पुत्र प्रेमनाथ यादव अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी की तहरीर पर 419/420/468/471 व 15(3) इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट का मुकदमा महराजगंज पुलिस ने दर्ज किया। न्यू सहारा हॉस्पिटल महराजगंज को अप्राधिकृत चिकित्सा अभ्यास करने के संबंध में संचालक न्यू सहारा हॉस्पिटल महराजगंज के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर पुलिस ने कार्यवाही शुरू कर दिया है।
29 अप्रैल को लगभग 2 बजे दिन में न्यू सहारा हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण डॉक्टर अरविंद कुमार अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा किया गया था जिसके बाद से कार्यवाही शुरू कर दी गई।
वहीं इन दिनों सोशल मीडिया पर महराजगंज का डी आर सर्जिकल हॉस्पिटल चर्चा का विषय बना हुआ है आपको बता दें डी आर सर्जिकल हॉस्पिटल लगभग चार वर्ष पूर्व महराजगंज-बछरावां रोड स्थित पेट्रोल पम्प के पास संचालित हो रहा था जिसमें लापरवाही की वजह से लगातार दो मौतें होने की वजह से काफी हंगामा हुआ और अस्पताल बंद हो गया था। एकबार फिर डी आर सर्जिकल हॉस्पिटल महराजगंज-बछरावां रोड (पंजाब नेशनल बैंक) के पास अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है। जहां पर सभी ऑपरेशन की सुविधा का बोर्ड लगा हुआ है और सोशल मीडिया पर प्रचार भी किया जा रहा है, मानक के विपरीत चलाया जा रहा है और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा है जिसकी जांच कर कार्यवाही की मांग उठने लगी है। सोशल मीडिया पर डी आर सर्जिकल हॉस्पिटल के अंदर ग्लूकोज चढ़ाते हुए और इलाज करते हुए फोटो भी सामने आ रही है आखिर केसे मानक विहीन बिल्डिंग में अस्पताल को चलाया जा रहा है जो सुरक्षा को लेकर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना दिलचस्प होगा क्या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही करते है जिससे आम जनता को राहत मिल सके और ऐसे अवैध अस्पताल पर कार्यवाही हो सके।