उत्तर प्रदेशमहराजगंज

BDO मैम एक नजर इधर भी ! महिला रोजगार सेवकों का उत्पीड़न,पति/परिजन द्वारा सरकारी फाइलों से छेड़छाड़ कब होगा न्याय

पतियों/परिजनों द्वारा किया जा रहा है सरकारी फाइलों से छेड़छाड़

सुरेन्द्र रावत,संपादक निशा प्रहरी समाचार पत्र

महाराजगंज। निचलौल विकासखंड में महिला रोजगार सेवको व पंचायत सहायकों के अधिकारो का हनन करते हुए उनके पतियों/परिजनों के द्वारा सरकारी फाइलों से छेड़छाड़ किया जाता है।जिसके बारे में लगभग सभी सचिव व अन्य ब्लाककर्मियो को भली भांति जानकारी है फिर भी कोई कार्यवाई नही होती।

जानकारी के अनुसार निचलौल विकास खंड क्षेत्र में करीब 20 महिलाएं रोजगार सेवक के पद पर तैनात हैं और लगभग 30 ग्राम सभाओ में ड्यूटी दे रही है जो सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई है ।उनके पद पर या तो पति द्वारा सेवा दी जा रहा है या फिर किसी परिजन द्वारा प्रदेश और केंद्र सरकार महिला उत्थान व सशक्तिकरण के लिए तमाम योजनाएं बना रही हैं। परंतु निचलौल ब्लाक में आज भी महिलाओं की उपेक्षा की जा रही है ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मात्र 4 महिलाएं ऐसी हैं जो ब्लॉक में जाती हैं और अपने पद का प्रयोग करती हैं। क्या सचिव व खंड विकास अधिकारी की जिम्मेदारी नहीं बनती की अन्य महिला रोजगार सेवकों का कार्य कौन देख रहा है आखिर पद पर महिला का चयन हुआ है तो फिर उन महिलाओं के अधिकार का दुरुपयोग करते हुए पतियों/ परिजनों द्वारा कार्य क्यों कराया जा रहा है क्या महिला रोजगार सेवक सिर्फ चूल्हा चौका करने के लिए हैं ? निचलौल ब्लाक में महिला रोजगार सेवकों व पंचायत सहायकों के अधिकारों की उपेक्षा हो रही है
बताते चलें कि प्रदेश सरकार महिलाओं को समान अधिकार देने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है फिर भी महिलाओं की उपेक्षा क्यों? आखिर पतियों/ परिजनों द्वारा किया जा रहा महिलाओं के अधिकारों का हनन कब तक?कब तक पुरुष वर्ग महिलाओं पर जमाता रहेगा धौंस कब मिलेगा महिलाओं को समान अधिकार?

सूत्रों की माने तो महाराजगंज जनपद का इकलौता ब्लॉक निचलौल जहां इलेक्शन से चुनकर आए पतियों की भरमार देखने को मिलती ही है वहीं सिलेक्शन से भी आए करीब डेढ़ दर्जन महिला रोजगार सेवकों व पंचायत सहायकों के पतियों/ परिजनों ने महिला अधिकार एवं महिला सशक्तिकरण जैसे कानून को ताक पर रखकर पत्नियों के पद को अपने प्रयोग में लाकर बड़े गर्व के साथ सरकारी फाइलों से छेड़छाड़ कर भौकाल बनाते नजर आते हैं ।

मजे की बात तो यह है कि आपने प्रधान पतियों के बारे में सुना होगा लेकिन निचलौल ब्लाक में रोजगार सेवक व पंचायत सहायक पतियों/परिजनों का ट्रेंड चल रहा है जो बेहद शर्मनाक है

केंद्र में भाजपा की सरकार बनते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं को समान भागीदारी के लिए तत्काल तमाम योजनाएं संचालित की ताकि हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुष के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सके और महिलाओं का उत्थान हो सके लेकिन यहां तो कुछ और ही है ग्राम सभाओं में कार्यरत पदों पर महिलाओं की जगह उनके पतियों/ परिजनों के द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए विभागीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी कर दिए जाते हैं वहीं विभागीय कर्मचारियों द्वारा न तो जांच किया जाता है और न ही कोई कार्यवाही की जाती है। अब ऐसे में राज्य सरकार व केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का क्या हाल होगा इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है।

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