उत्तर प्रदेश

कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करने के फैसले पर शिक्षक संघ ने विधायक को सौंपा ज्ञापन

रुदौली-अयोध्या। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करने के निर्णय के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने रुदौली विधायक रामचंद्र यादव को ज्ञापन सौंपा है। सरकार ने 150 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों और 100 से कम छात्र संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों को प्रधानाध्यापक विहीन करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से हजारों प्रधानाध्यापक सरप्लस घोषित कर दिए गए हैं। इससे पहले भी एक ही परिसर में स्थित करीब 20 हजार विद्यालयों का विलय किया जा चुका है। शिक्षक संघ का कहना है कि स्कूलों के विलय से छात्रों को विद्यालय पहुंचने में परेशानी होगी। साथ ही हजारों रसोइयों की नौकरी भी जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रधानाध्यापकों और ग्राम प्रधानों पर विद्यालय बंद करने के समर्थन में प्रस्ताव देने का दबाव बना रहे हैं। इस निर्णय के विरोध में 30 जून, 2025 को प्रदेश के 822 ब्लॉकों में संघ पदाधिकारियों, अभिभावकों और ग्राम प्रधानों की बैठक हुई।

शिक्षक संघ ने विधायक से अनुरोध किया है कि वे मुख्यमंत्री से इस आदेश को निरस्त करने की संस्तुति करें। संघ का मानना है कि इस तरह से विद्यालय बंद करना बच्चों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ है। इस मौके पर नीलमणि त्रिपाठी जिलाध्यक्ष, रामानुज तिवारी, मो ऑरिफ, अविनाश पाण्डेय, मो गयास, सत्येन्द्र पाल सिंह, संजय सिंह मवई, राकेश कुमार मिश्र, पन्नालाल यादव, सुशील पाण्डेय, राकेश, शिवकुमार यादव, राकेश प्रकाश मिश्र, गयास अहमद, अरुण तिवारी, जय प्रकाश, नीतेश कुमार वैश्य, रजनीश सिंह, शत्रुध्न लाल, राम प्रकाश, अजय सिंह, रजीश पाण्डेय, विमलेश वर्मा, अंकुर, विपिन कुमार, लल्लू वर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में अध्यापक मौजूद रहे।

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