स्वरांजलि सेवा संस्थान की स्वरांजलि सिंह की पहल लावारिस भटकने वाले को नही रहना पड़ेगा भूखे

औरंगाबाद – कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दूसरों के दुख से दुखी हो जाते हैं और उनके दुखों के निवारण हेतु प्रयत्नशील रहते हैं। लावारिस दिव्यांग जनों की सेवा में समर्पित संस्था स्वरांजलि सेवा संस्थान समाज सेवा की नजीर पेश कर रही है। लोकप्रिय कलाकार पिता डी. आनन्द के नक्शे कदम पर चलते हुएउनकी पुत्री एडिटर स्वरांजलि सिंह ने समाज सेवा में अपना जीवन समर्पित करने का संकल्प लिया है। स्वरांजलि सेवा संस्थान की कर्नाटक राज्य प्रभारी स्वरांजलि सिंह विक्षिप्तों एवं लावारिस दिव्यांग जनों के साथ अपनी हर खुशी सेलिब्रेट करती हैं । मुख्य रूप से बेंगलुरु में समाज सेवा करने वाली एडिटर स्वरांजलि सिंह ने बताया कि समय-समय पर मित्र देश नेपाल, उत्तर प्रदेश, बिहार एवं झारखंड में भी ऐसे लोगों की सेवा करने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हो रहा है।
मानसिक बीमारों को भोजन, कपड़े ,पौष्टिक आहार, बिस्कुट, फल , हॉर्लिक्स, बॉर्नविटा, आदि उपलब्ध कराकर मानवता और इंसानियत का संदेश दे रही है।बेंगलुरु कर्नाटक से औरंगाबाद आई समाजसेविका स्वरांजलि सिंह ने बताया कि मेरे भैया संगीत आनंद और मेरी मां अंजू देवी भारत नेपाल सीमा पर 14 नवंबर 2012 से मानव सेवा का काम कर रही हैं।
विदित हो कि
अंतरराष्ट्रीय न्यास स्वरांजलि सेवा संस्थान के माध्यम से सड़कों पर लावारिस हालत में भटकने वाले लावारिस दिव्यांगजनों को, मानसिक बीमारों को घूम-घूम कर भोजन प्रदान किया जाता है। ऐसे लोगों को उनके परिजनों से मिलवाने का काम भी किया जाता है। स्वरांजलि सिंह ने बताया कि मेरे पिताजी 2012 से दैनिक चलंत दरिद्र नारायण भोज के माध्यम से लावारिस दिव्यांगजनों को भोजन प्रदान करते हैं, और उन्हें उनके परिजनों से मिलवाते हैं। उत्तर प्रदेश के बलिया थाना रसड़ा पकवाइनार के भूले भटके दिव्यांग शिवबदन को भी उनके परिजनों से मिलवाने का काम किया गया। तारीफ की बात यह है कि पूरा परिवार समाज सेवा में जुटा है। शाकाहारी स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ-साथ समय-समय पर दूध, हॉर्लिक्स, बॉर्नविटा , फल आदि पौष्टिक आहार भी दिए जाते हैं ताकि इनकी इम्युनिटी बढ़े और रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो। आज देश में विभिन्न चौक चौराहों पर शहरों में भटकने वाले ऐसे लाखों लोग हैं जिनके बारे में हमें सोचना चाहिए।
मानवता शर्मसार ना हो हमें ऐसी कोशिश करनी चाहिए। संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर संगीत आनंद ने कहा कि हम हर दिन सुबह शाम घूम घूम कर ऐसे लोगों की तलाश करते हैं जिन्हें मदद की जरूरत है, और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने की कोशिश करते हैं। संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजू देवी का कहती हैं – मानव सेवा सच्ची सेवा सर्वोत्तम यह काम है।
दिन दुखी को भोजन कराना जैसे पावन धाम है। संस्था के संस्थापक डी .आनंद ने बताया कि इससे बड़ा पुण्य का काम दूसरा नहीं है। जरूरतमंदों को, लावारिस दिव्यांगजनों को, मानसिक बीमारों को हम सब शुद्ध ताजा शाकाहारी भोजन उपलब्ध कराते हैं, ताकि कोई भूखा ना रहे । ऐसे कार्यक्रमों में विशेष सहयोग प्रदान करने वालों में नेपाल के धर्मपाल गुरु वशिष्ठ जी महाराज, नेपाल के प्रवासी अमेरिका वासी भक्त श्री कृष्णा पांडे, पवन भट्टराई, राजेश यादव ,विजय कुमार गुप्ता, संस्था के वरिष्ठ सदस्य विजय कुमार, लक्ष्मण सोनी , मुकेश कुमार , फौजी विद्यासागर राणा ,पीडीएस के अध्यक्ष प्रमोद सिंह, वर्ल्ड मीडिया विजन के निदेशक राजेश कुमार गुप्ता , निर्माता रंजन सिन्हा,नवरत्न प्रसाद एवं पटकथा लेखक एम. शफी के नाम उल्लेखनीय हैं।