लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान द्वारा शरदकालीन गन्ना गोष्ठी का किया गया आयोजन
नेहा मिश्रा, रायबरेली
महराजगंज रायबरेली। क्षेत्र के ग्राम पहरेमऊ और ग्राम पहरावा में लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान लखनऊ द्वारा चीनी मिल हैदरगढ़ के सहयोग से शरदकालीन गन्ना गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए गन्ना संस्थान के पूर्व सहायक निदेशक आर एन वर्मा ने बताया कि शीघ्र प्रजाति में को शा 18231 और को लख 16202 की बुवाई कर लाभ ले सकते हैं। उन्होने कहा कि अपनी मिट्टी की जांच जरुर कराएं और संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करें। सामान्यतः 180 कि ग्रा यूरिया, 80 कि ग्रा फास्फोरस और 60 कि ग्रा पोटाश के साथ 30 कि ग्रा सल्फर का प्रति हेक्टेयर में प्रयोग करें और नैनो उर्वरकों का प्रयोग धीरे धीरे बढ़ाएं। गन्ना संस्थान से आए अरुण कुमार ने किसानों से कहा कि गन्ना बुवाई पर खेत को ज्यादा समय दें और बीज को निरीक्षण कर छांटे फिर उसे उपचारित करके बोएं। उन्होंने बताया कि जैविक विधि से कीट व रोग नियन्त्रण करें क्योंकि जैविक नियन्त्रण सस्ता है और पर्यावरण हितैषी भी है।ट्राईकोगामा के 20000 अंडे प्रति एकड़ की दर से 15 दिन के अंतराल पर 4 से 5 बार लगाने से सभी बेधक कीटों का नियंत्रण हो जाता है। जिला गन्ना अधिकारी जे एस भदौरिया ने कहा कि सुगम गन्ना आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी किसान भाई पारदर्शी पर्ची निर्गमन पर गन्ना आपूर्ति करके अपना बेसिक कोटा बढ़ाएं, तथा शरदकाल में गन्ना बुआई बढ़ाए ताकि कम खर्चे में अधिक पैदावार मिल सके। उन्होंने कहा कि किसानों को महिला समूह की गन्ना पौध एवम कृषि निवेशों के वितरण का भी लाभ लेना चाहिए। हैदरगढ़ चीनी मिल के मुख्य गन्ना प्रबंधक प्रवीन कुमार ने किसानों को चीनी मिल द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि को. 0118, 15023 तथा को लख 14201 गन्ना प्रजातियों की बुवाई करें तथा को 0238 की बुवाई न करें। गोष्ठी में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया।