श्री हनुमान चालीसा पढ़ने से प्राप्त होती हैं पॉजीटिव एनर्जी : ब्रह्मचारी जैसावत
श्री हनुमान चालीसा पढ़ने से प्राप्त होती हैं पॉजीटिव एनर्जी : ब्रह्मचारी जैसाव
लेकिन हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए हनुमानजी की श्रद्धा भक्ति होना जरूरी : ब्रह्मचारी जैसावत
आगरा। श्री हनुमान चालीसा को पढ़ने से पॉजीटिव एनर्जी प्राप्त होती हैं। निरंतर हनुमान चालीसा को पढ़ते रहने से व्यक्ति के मन में साहस, आत्मविश्वास और पराक्रम का संचार होता है। इसके कारण ही वह संसार पर विजय प्राप्त कर लेता हैं। यह एक चमत्कारिक सत्य है।
इस सन्दर्भ में राष्ट्रवादी चिंतक एवं समाजसेवी ब्रह्मचारी जैसावत ने प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया कि श्री हनुमान चालीसा को पढ़ने से पॉजीटिव एनर्जी प्राप्त होती हैं। निरंतर श्री हनुमान चालीसा को पढ़ते रहने से व्यक्ति के मन में साहस, आत्मविश्वास और पराक्रम का संचार होता है, लेकिन श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए श्री हनुमानजी की श्रद्धा भक्ति होना जरूरी हैं। क्युकी पूरे ब्रह्मांड में श्री हनुमानजी ही एकमात्र ऐसे देवता हैं,जिनकी भक्ति से हर तरह के संकट तुरंत ही हल हो जाते हैं और यह एक चमत्कारिक सत्य है। भगवान श्रीराम अवतार के समय श्री हनुमानजी को स्वयं भगवान श्रीराम ने अमर होने का आशीर्वाद दिया था। इसी कारण हनुमानजी का प्रताप चारों युगों में रहा है और आगे भी रहेगा, क्योंकि वे अजर-अमर हैं। अंजनी सुत जब तक चाहें शरीर में रहकर इस धरती पर मौजूद रह सकते हैं। श्री हनुमानजी की स्तुति के लिए आज के समय में सबसे सरल व सहज वंदना श्री हनुमान चालीसा को माना गया है। श्री हनुमान चालीसा के प्रभाव को तो धीरे – धीरे पश्चिम की जनता ने भी स्वीकार करना शुरू कर दिया है। कहा जाता है कि आज के युग में विश्व शक्ति माने जाने वाले राष्ट्र अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के सिर पर भगवान श्री हनुमान जी का हाथ है। जी हां, बराक ओबामा श्री हनुमानजी के बहुत बड़ भक्त हैं। इतने बड़े भक्त कि वो उनकी एक छोटी सी मूर्ति हमेशा अपनी जेब में रखते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान बराक ओबामा ने बताया कि जब भी वो परेशान या थका हुआ महसूस करते हैं तो हनुमान जी से मदद मांगते हैं। उनका मानना है कि इससे उन्हें पॉजीटिव एनर्जी प्राप्त होती है। हनुमान चालीसा को पढ़ते रहने से व्यक्ति के मन में साहस, आत्मविश्वास और पराक्रम का संचार होता है और इसके कारण ही वह संसार पर विजय प्राप्त कर लेता है। इसके एक – एक छंद का बहुत महत्व है जैसे- बच्चे का पढ़ाई में मन ना लगे तो उसको इस छंद का पाठ करना चाहिए – बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार। मन में अकारण भय हो तो निम्न पंक्ति पढ़ना चाहिए- भूत पिशाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावे। किसी भी कार्य को सिद्ध करना हो तो यह पंक्ति पढ़ें- भीम रूप धरि असुर सँहारे, रामचन्द्र के काज सँवारे। बहुत समय से यदि बीमार हैं तो यह पंक्ति पढ़ें – नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरन्तर हनुमत बीरा। प्राणों पर यदि संकट आ गया हो तो यह पंक्ति पढ़ें- संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा। या संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै। यदि आप बुरी संगत में पड़े हैं और यह संत छुट नहीं रही है तो यह पढ़ें- महाबीर बिक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी। यदि आप किसी भी प्रकार के बंधन में हैं तो- जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बन्दि महा सुख होई। किसी भी प्रकार का डर है तो यह पढ़ें- सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना। आपके मन में किसी भी प्रकार की मनोकामना है तो पढ़ें- और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै। श्री हनुमानजी की भक्ति के लिए आप कोई भी स्तुति या वंदना पढ़ें लेकिन श्री हनुमान चालीसा सच में ही अपने आप में एक संपूर्ण श्री रामचरित मानस की तरह है। श्री हनुमान चालीसा लिखने वाले तुलसी दासजी श्री राम के बहुत बड़े भक्त थे। उनके इसी विश्वास के कारण औरेंगजेब ने उन्हे बंदी बना लिया था। वहीं बैठकर उन्होंने श्री हनुमान चालीसा लिखा था। अंत में ऐसे कुछ हुआ कि औरंगजेब को उन्हें छोड़ना पड़ा था। आधुनिक युग की भागम-भाग में श्री हनुमान चालीसा ही एक ऐसा पाठ है जिसे तुरंत ही आसानी से पढ़ा जा सकता है, और इससे पढ़ने से पॉजीटिव एनर्जी, साहस,आत्मविश्वास और पराक्रम का संचार होता है। लेकिन उसके लिए श्री हनुमानजी की श्रद्धा भक्ति होना बहुत जरूरी है।