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विश्व पुस्तक दिवस पर विशेष – पुस्तकों को अपना मित्र बनाएं, स्वयं भी शिक्षित बने और दूसरों को भी शिक्षित बनाएं : मुशरफ खान

विश्व पुस्तक दिवस पर विशेष – पुस्तकों को अपना मित्र बनाएं, स्वयं भी शिक्षित बने और दूसरों को भी शिक्षित बनाएं : मुशरफ खान

आगरा। विश्व पुस्तक और प्रकाशनाधिकार दिवस किताबों का अंतरराष्ट्रीय दिवस हैं। विश्व पुस्तक दिवस पूरी दुनिया भर में हर वर्ष मनाया जाता हैं। इसके माध्यम से लोगों को जीवन में शिक्षा तथा पुस्तकों का महत्व समझाया जाता हैं। साहित्य समाज का दर्पण होता है। पुस्तकों से मनुष्य को ज्ञान और शिक्षा मिलती है। इस अवसर पर लोगों से आग्रह हैं कि वह पुरानी पुस्तकों को आर्थिक रुप से कमजोर और जरूरतमंदों को दान करें।

विश्व पुस्तक दिवस के शुभ अवसर पर आगरा के सुप्रशिद्ध समाजसेवक श्री मुशरफ खान साहब ने कहा कि पढ़ना, यह मेरा अधिकार है, दुनिया को पढ़ों। तेज बनो-किताबें पढ़ों, साक्षरता जीवन बदल देती है। आप सकारात्मक किताबें पढ़कर ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि किताब जैसा वफादार कोई दोस्त नहीं होता। अच्छे दोस्त, अच्छी किताबें और एक सुप्त अंतःकरण: यही आदर्श जीवन है।यही तो किताबों की बात है, वे आपको आपके पैर हिलाए बिना यात्रा करा देते हैं। जिन किताबों को दुनिया अनैतिक कहती है, वही ऐसी किताबें हैं जो दुनिया को अपनी शरण में ले आती है। यदि कोई ऐसी किताब है जिसे आप पढ़ना चाहते हैं, लेकिन वह अभी तक नहीं लिखी गई है, तो आपको उसे अवश्य ही लिखना चाहिए। पुस्तकें ज्ञान का महत्वपूर्ण श्रोत्र है। अपनी पूर्ण क्षमता से अध्ययन कर अपने ज्ञान रूपी क्षितिज का विस्तार करें तथा देश व समाज की उन्नयन एवं नए भारत के निर्माण में योगदान दें। विश्व पुस्तक दिवस दूसरे लोगों तक विभिन्न प्रकार की संस्कृति को फैलाने के साथ ही उनको साथ लाने के लिये लोगों के बीच किताबों की शक्ति को प्रचारित करने के लिये हर साल यूनेस्कों का विश्वव्यापी सदस्य राज्य इस कार्यक्रम को सुविधा से वंचित भाग में रहने वाले लोगों के साथ ही युवा लोगों के बीच शिक्षा को प्रचारित करने के लिये ये दिन मनाया जाता है। इस दिन, उपन्यास, लघु कहानियाँ या शांति फैलाने वाला चित्र किताब, उदारता, दूसरी संस्कृति और परंपरा के लिये एक-दूसरे के बीच समझदारी और सम्मान के लिये बच्चों सहित कुछ युवा अपने बेहतरीन कार्यों के लिये पुरस्कृत किये जाते हैं। वर्ष के खास विषय पर आधारित एक अलग पोस्टर हर साल डिजाइन किया जाता है और पूरी दुनिया में लोगों के बीच वितरित किया जाता है। पोस्टर इस तरह से डिजाइन किये जाते हैं जिससे लोगों और बच्चों को और किताबें पढ़ने के लिये बढ़ावा दिया जा सके।

श्री खान साहब ने आगे बताया कि आइए इस विश्व पुस्तक दिवस पर हम सब मिलकर पुस्तक के प्रति प्रेम तथा अध्ययन के प्रति लोगों को जागरूक करें। जिससे लोग पुस्तकों को अपना मित्र बनाएं, स्वयं भी शिक्षित बने और दूसरों को भी शिक्षित बनाएं। पढ़ना, यह मेरा अधिकार है,दुनिया को पढ़ों। तेज बनो-किताबें पढ़ों, साक्षरता जीवन बदल देती है। आप सकारात्मक किताबें पढ़कर ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि किताब जैसा वफादार कोई दोस्त नहीं होता। अच्छे दोस्त, अच्छी किताबें और एक सुप्त अंतःकरण: यही आदर्श जीवन है। यही तो किताबों की बात है, वे आपको आपके पैर हिलाए बिना यात्रा करा देते हैं। जिन किताबों को दुनिया अनैतिक कहती है, वही ऐसी किताबें हैं जो दुनिया को अपनी शरण में ले आती है। यदि कोई ऐसी किताब है जिसे आप पढ़ना चाहते हैं, लेकिन वह अभी तक नहीं लिखी गई है, तो आपको उसे अवश्य ही लिखना चाहिए। पुस्तकों से मनुष्य को ज्ञान और शिक्षा मिलती है। इस अवसर पर लोगों से आग्रह हैं कि वह पुरानी पुस्तकों को आर्थिक रुप से कमजोर और जरूरतमंदों को जरूर दान करें। सभी पुस्तक प्रेमियों को विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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