ठूठीबारी:तस्करों में नहीं रहा प्रशासन का खौफ, पुलिस दावों की खुली उड़ रही धज्जियां, लक्ष्मीपुर चौकी क्षेत्र बना पशु तस्करी का हब

◆लक्ष्मीपुर चौकी क्षेत्र बना पशु तस्करी का हब◆
महराजगंज | विशेष संवाददाता
महराजगंज जनपद के ठूठीबारी कोतवाली अंतर्गत लक्ष्मीपुर चौकी क्षेत्र में इन दिनों पशु तस्करी का धंधा चरम पर है। तस्करों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब उन्हें प्रशासन और पुलिस का कोई खौफ नहीं रहा।

सूत्रों के मुताबिक, हर सप्ताह तीन दिन—रविवार, मंगलवार और शुक्रवार को भारी मात्रा में बकरे व भैंस नेपाल भेजे जा रहे हैं। यह कार्य इतने संगठित और सुनियोजित तरीके से हो रहा है कि प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर यह काला कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है।
पुलिस का दावा हवा-हवाई!
चौंकाने वाली बात यह है कि दूसरी ओर पुलिस प्रशासन दावा कर रहा है कि इंडो-नेपाल सीमा पर तस्करी पूरी तरह बंद कर दी गई है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि यदि तस्करी बंद है, तो फिर पशु नेपाल कैसे पहुंच रहे हैं?
क्या प्रशासन को इस तस्करी की जानकारी नहीं है, या फिर जानबूझकर अनदेखी की जा रही है?

स्थानीय जनता में बढ़ रहा रोष
स्थानीय लोगों का कहना है कि तस्कर खुलेआम पशुओं की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं और रात के अंधेरे में उन्हें नेपाल पार करा दिया जाता है। कई बार लोगों ने पुलिस को जानकारी भी दी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
अब सवाल यह है…
◆क्या पुलिस की नाक के नीचे यह सब कुछ हो रहा है?◆
◆या फिर इस तस्करी में किसी ‘ऊपर’ के संरक्षण की भूमिका है?◆
◆क्या प्रशासन अब भी कोई ठोस कार्रवाई करेगा या यह सब यूं ही चलता रहेगा?◆
पशु तस्करी जैसे गंभीर मुद्दे पर प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। जरूरत है कि ऊपर से नीचे तक जवाबदेही तय की जाए, ताकि तस्करों को कानून का डर दोबारा महसूस हो और सीमा पार यह अवैध कारोबार पूरी तरह बंद हो।