काशी विश्वनाथ के मुख्य महंत श्रीकांत गुरुजी ने दिया आशीर्वाद और सम्मान, जोय गुरुमां करिश्मा शेट्टी को मिला काशी का स्नेह

वाराणसी, शिवनगरी में एक अद्भुत और आध्यात्मिक क्षण तब देखने को मिला जब काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य महंत श्रीकांत गुरुजी ने गुरु मां करिश्मा शेट्टी, जिन्हें श्रद्धा से जोय गुरुमां कहा जाता है, को उच्चतम सम्मान और आशीर्वाद प्रदान किया।
अपनी समर्पित शिव संघ परिवार के साथ वाराणसी पहुँचीं जोय गुरुमां का स्वागत भव्य तरीके से हुआ। इस पवित्र नगरी में उनके आगमन को मंत्रोच्चार, आराधना और शिवभक्ति से भरे अनुष्ठानों ने और भी दिव्य बना दिया।
श्रीकांत गुरुजी, जो सदैव काशी विश्वनाथ के प्रति अपने अटूट समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं, ने जोय गुरुमां की गहन आध्यात्मिक साधना और उनके योगदान को पहचाना। उन्होंने हृदय से उन्हें आशीर्वाद दिया और उनके प्रयासों की सराहना की कि किस प्रकार वह साइकिक टेम्पल्स (Psychic Temples) और अपनी आध्यात्मिक साधना के माध्यम से पूरी दुनिया में शिवभक्ति, तंत्र, ज्योतिष और धार्मिक अनुष्ठानों का प्रकाश फैला रही हैं।
जोय गुरुमां का काशी दौरा यहीं समाप्त नहीं हुआ। उन्होंने काल भैरव मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और वहीं उपस्थित शिव संघ परिवार को भी समान ऊर्जा और कृपा का अनुभव करवाया। इसके बाद वह संकट मोचन हनुमान मंदिर भी गईं, जहाँ उन्हें पुनः अपार प्रेम, श्रद्धा और आशीर्वाद मिला। इस पूरी यात्रा में उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनका शिव संघ परिवार भी इन सभी दिव्य आशीर्वादों का अधिकारी बने।
वाराणसी से लौटते समय जोय गुरुमां अपने साथ यह आशीर्वाद लेकर आईं कि उनका शिव संघ और अधिक सशक्त और विशाल बने, ताकि शिव के उपदेश, मंत्र और साधना का संदेश लाखों घरों तक पहुँच सके। अपने विनम्र स्वरूप में वह स्वयं को केवल माध्यम मानती हैं, किन्तु शिवनगरी ने उन्हें अथाह प्रेम, मान और सम्मान दिया, यह स्वीकार करते हुए कि वह आज के युग में गुरु और शक्ति का संगम हैं।
यह पावन यात्रा यह प्रमाणित करती है कि जब गुरु और शक्ति शिव की छत्रछाया में एकत्र होते हैं, तो उनके आशीर्वाद अनेक गुना बढ़ जाते हैं और संपूर्ण समाज के कल्याण का कारण बनते हैं। साइकिक टेम्पल्स और शिव संघ विद जोय गुरुमां इस यात्रा से प्रेरित होकर अब और भी ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है, जिससे शिव का सनातन ज्ञान और भक्ति हर जीवन तक पहुँच सके।