उत्तर प्रदेशLife Styleमहराजगंज

आखिर क्यों ? बैदौली का चर्चित पौधशाला “परी पौधशाला” हुआ बंद

  • वैदौली का चर्चित पौधशाला “परी पौधशाला” हुआ बंद!
    चन्द्रेश शास्त्री
    सुनने या पढने में यह अच्छा नहीं लगा होगा यह अच्छी लगने वाली बात भी नहीं है परंतु यह सत्य है! ज्ञात हो की पौधशालाओं के नाते बनी पहचान अपने वैदौली की एक विशिष्ट पहचान है! परंतु पौधशाला में अब नुकसान उठाने के नाते गौशाला से किस मुख मोड़ने लगे हैं! इसके कर्म की बात करें तो परिस्थितियों के साथ-साथ सरकारी नीतियां भी काफी हद तक जिम्मेदार है! पौधशाला लगाने के शौकीन किसान पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य दीनानाथ मौर्य ने अपना परी पौधशाला बन्द कर दिया है! दीनानाथ मौर्य ने का अकारण ही अपने नाम से विख्यात परी पौधशाला को बन्द नहीं कर दिया! पौधाप्रेमी दीनानाथ मौर्य को पौधशाला के पीछे काफी नुकसान उठाना पड़ा है! दीनानाथ मौर्य के कथनानुसार कोरोना काल के बाद पौधे की बिक्री में कमी तो आई ही है! बीज का दाम बढ़ गया है तो बाजार के बीज मिलावट खोरी के शिकार बन जाते हैं जिसका परिणाम स्वयं दीनानाथमौर्य को नुकसान के रूप में भुगतना पड़ा! पौधारोपण के लिए आने वाली थैली की कीमत भी बढ़ा दी गई है! कोई पूछने वाला नहीं है पूंजी लगाने के बाद उसके आधार पर उत्साह की जगह निराशा हाथ लगती है घर का खर्च भी चलाना मुश्किल हो जाता है! जिस जगह पर कभी पौधे अपना हरियाली बता रहे थे तो परीपौधशाला के पुष्प वातावरण को अपने सुगंध से सुगंधित करते थे! अब दीनानाथ मौर्य ने निराशा मन से सब्जी की खेती करनी शुरू कर दी है! उन्होंने कहा सब्जी की खेती से घर का खर्च तो चल ही जाता है! निश्चय ही पौधशाला संचालकों के कष्ट पर भी शासन को ध्यान देना चाहिए अन्यथा सर्वत्र हरा भरा रखने की शासन की मंशा केवल बनावटी बात ही बनकर रह जाएगी!!

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}