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दीपक चौरसिया समेत आठ एंकरों के विरुद्ध ट्रायल की प्रक्रिया में गवाह पेश न होने पर वारंट

◆वीडियो को तोड़ मरोड़कर कर प्रसारित मामले में दीपक चौरसिया समेत 8 एंकरों के विरुद्ध ट्रायल की प्रक्रिया में, सरकारी गवाह के पेश नही होने पर न्यायालय ने किया वारंट◆

उषा माहना,नई दिल्ली

नाबालिका के वीडियो को अश्लील तरीके से प्रसारित करने के मामले में बीते 15 नवंबर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमति शशि चौहान की अदालत में zee news के एंकर दीपक चौरसिया, आज तक चैनल की एंकर चित्रा त्रिपाठी, रिपब्लिक टीवी न्यूज के एंकर सैयद सुहैल,समेत 6 आरोपी पत्रकार अदालत में पेश हुए। पीड़िता के अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार मिश्रा के सहयोगी नीरज देसवाल ने बताया कि बीते 25 अगस्त को अदालत ने इस मामले में 8 आरोपी जिनमे आजतक चैनल की एंकर चित्रा त्रिपाठी,अजीत अंजुम,जी न्यूज के एंकर दीपक चौरसिया,रिपब्लिक चैनल के एंकर सैय्यद सोहेल,इंडिया न्यूज के राशिद हासमी, रिपोर्टर सुनील दत्त, ललित बडगुजर,प्रोड्यूसर अभिनव राज के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 14(1),23,आईटी एक्ट, 67 (बी),120 बी (जालसाजी करना) तथा ipc की धारा 469 व 471 के तहत आरोप तय किए हैं। मामले में ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिसमे बीते 10 अक्तूबर को पुलिस के अधिकारी को सम्मन जारी किया गया था,लेकिन कोर्ट में गवाही हेतु पेश नही होने पर वेलेवल वारंट जारी किया है। तथा शिकायतकर्ता के द्वारा कुछ दस्तावेज पेश किए गए थे,जो कोर्ट की फाइल पर मौजूद ना होने के कारण, सरकारी वकील के द्वारा जांच अधिकारी को न्यायालय में पेश होने हेतु, उन दस्तावेजों को उपलब्ध करने के आदेश दिए हैं। आगे की गवाही को जारी रखते हुए न्यायालय ने आगामी तारीख 1 दिसंबर मुकर्रर की है।

गौरतलब है कि 2 जुलाई 2013 को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को तोड़मरोड़ कर प्रसारित किया,पीड़िता के परिवार के घर को अश्लीलता का अड्डा बताकर तथा शिकायत कर्ता को शिवा और उनकी पत्नी को शिल्पी बताकर चैनल पर प्रसारित किया था। परिजनों ने यह भी आरोप लगाए थे,कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए बेहद अभद्र,अर्मयादित शब्दों के साथ कमेंट्री कर प्रसारित किया गया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में पुलिस का रवैया संदेहास्पद रहा, पुलिस द्वारा तीन बार मामले में अनट्रेस रिपोर्ट लगाने के बाद पीड़ित पक्ष के द्वारा चंडीगढ़ उच्च न्यायालय की ओर रुख करने पर,उच्च न्यायालय के आदेश पर पुलिस द्वारा इस मामले में पुनः अनुसंधान शुरू कर 2020 चार्ज शीट पेश करने के बाद सप्लीमेंट्री चार्ज शीट भी 2021 में पेश की गई। इस मामले की पैरवी शुरू से सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर कुमार व उनकी टीम करती आ रही है।

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