पौराणिक परम्परा और आधुनिकता का संगम है रुदौली की रामलीला रामलीला का 136वां मंचन 22 सितम्बर से प्रारंभ होगा
मंचन में 8 वर्ष के बच्चों से लेकर 70 वर्ष के लोगों की होती है भागीदारी

रुदौली-अयोध्या। रुदौली नगर की सुप्रसिद्ध श्री रामलीला समिति का 136वां मंचन नगर के मोहल्ला ख्वाजाहाल रामलीला मैदान पर 22 सितम्बर से प्रारंभ होगा।रामलीला मंचन को सजीव बनाने के लिए कलाकार पूर्वाभ्यास में जुटे है। वही आयोजन समिति के पदाधिकारी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे है। इस रामलीला में 8 वर्ष के छोटे बच्चों से लेकर 70 वर्ष तक के बुजुर्ग कलाकार श्रीराम की लीलाओं का मंचन करते है। इस रामलीला की खासियत है कि यह परम्परा और आधुनिकता का संगम बन गई है। जहां कथा और भक्ति वही पुरानी रहती है। लेकिन मंचन को आकर्षक बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाता है। अंग्रेजों के दौर से लेकर आज तक यह आयोजन रुदौली की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान बना हुआ है। निर्देशक कमलेश मिश्रा व सह निर्देशक मृदुल अग्रवाल की देखरेख में श्रीरामलीला का मंचन होता है। मंचन में 60 पुरुष और 40 से 45 बाल कलाकार इस बार मंचन करते नजर आएंगे। बाल कलाकारों की उम्र 8 से 15 वर्ष के बीच है। खास बातचीत में सह निर्देशक मृदुल अग्रवाल ने कहा, “इस वर्ष की रामलीला हर मायनों में ऐतिहासिक और अद्भुत होने वाली है। मंच पर सभी को भारतीय संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक धरोहरों का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। कमेटी के अध्यक्ष लक्ष्मीपति अग्रवाल ने बताया, “इस वर्ष रामलीला मंचन को और भी भव्य बनाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। एआई, डिजिटल और हाईटेक तकनीकों, 3डी मैपिंग और विजुअल इफेक्ट्स का प्रयोग करके दर्शकों को एक शानदार अनुभव दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बेहतर आवाज के लिए आधुनिक साउंड सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। यह रामलीला धार्मिक मंचन के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का बेहतरीन मेल साबित होगी। इस बार के रामलीला में लोगों को कई बदलाव देखने को मिलेंगे। इसकी तैयारी अब अंतिम चरण में है। जो जल्द ही पूरी हो जाएगी। इस रामलीला का निर्देशन कर रहे कमलेश मिश्रा की पैथोलॉजी है। वही सह निर्देशक मृदुल अग्रवाल की सर्राफा की प्रतिष्ठित दुकान है। वही दोनों लोगों ने बताया कि सरल संवादों, दोहे और चौपाइयों के साथ रामलीला का मंचन किया जाता है। इसके अलावा राम का पात्र निभा रहे ओंकार शर्मा एक विद्यार्थी है। लक्ष्मण का पात्र निभा रहे सारांश शर्मा भी पढ़ाई कर रहे है। सीता का पात्र निभा रहे ऋषभ शर्मा छात्र है। रावण का पात्र निभा रहे अनुराग अग्रवाल की सर्राफे की दुकान है। इस तरह से प्रत्येक कलाकार दिन में तो अपने व्यक्तिगत जीवन में व्यस्त रहते है। लेकिन शाम होते ही रामलीला के मंच पर यह सभी एकजुट होकर अपने किरदार में खो जाते है। और लगन के साथ अभ्यास करते है। मंचन में राजेश बंशल, आलोक गर्ग, शिव कुमार कशौधन, पंकज आर्य, आशीष शर्मा, विष्णु अग्रवाल, बृज किशोर, शैलेंद्र शर्मा सहित अनेक लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।