लखनऊ:कथक सम्राट को घुंघरूओ संग याद किया

लखनऊ । पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज जी को शिष्यों एवम कलाकारो ने कथक नृत्य के द्वारा महाराज जी चरणों में अपने श्रृद्धा सुमन अर्पित किए। कालका बिन्दादीन महाराज की ड्योढ़ी गुईन रोड स्थित कथक संग्रहालय में पद्मविभूषण पं बिरजू महाराज जी का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। अल्पिका संस्था की सचिव और पं बिरजू महाराज की वरिष्ठ शिष्या रेनू शर्मा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध साहित्यकार करूणा पाण्डे मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का प्रारम्भ किया।
अपनी पुस्तक ज़िन्दगी मूक कहानी सबकी रही से कविता के अंश सुनाये । उमा त्रिगुणायत ने अपने महाराज जी के साथ के अपने संस्मरण सभी से साझा किये ।उपासना सिंह ने भजे भजे कृष्ण नंदनम, उसके बाद उपासना की शिष्या ने टुकड़ा और घुंघट की गत प्रस्तुति की । दिल्ली से आयी नीलम ने महाराज जी सिखाये कवित्त और शिव अरधाग की प्रस्तुति दी। मीतू मिश्रा ने प्रो कमला श्रीवास्तव की रची रचना ठुमुकी चलत रघुनंदन दथरथ अंगना। बैंगलोर की जयोता दत्ता ने महाराज जी के सिखाई ठुमरी प्रस्तुत। सुरभी सिंह और पं अर्जुन मिश्र की शिष्या ईशा रतन, मीशा रतन,संग आकांक्षा पांडे टुकड़े , तिहाई के साथ शिव रुद्राष्टकम की प्रस्तुति दी। आकांक्षा श्रीवास्तव ने अपने शिष्यो के साथ राम वंदना और ठुमरी की प्रस्तुति देक उम्रर महाराज जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किये ।हुमा साहु के शिष्यों ने शुद्ध कथक के भाव प्रस्तुत किया। ठंड और बारिश के बाद भी अपने गुरु को श्रद्धा सुमन अर्पित करने में शिष्यों और कलाकारों का प्रेम सम्पूर्ण समर्पण के साथ दिखाई दिया।