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बलरामपुर गार्डन में बीसवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला प्रारम्भ

पुस्तकों से मिली एकाग्रता देती है लक्ष्य साधने की प्रेरणा : ब्रजेश पाठक

लखनऊ, 22 सितम्बर। पुस्तकें गुरु की तरह हैं। पुस्तकें अच्छा रास्ता दिखाती हैं, ज्ञान देती हैं। मन एकाग्र करती हैं। नकारात्मक विचारों से सकारात्मक विचारों की ओर ले जाती हैं। मन एकाग्र हो तो हम लक्ष्य साध सकते हैं और पुस्तकों से मिली यही एकाग्रता हमें लक्ष्य साधने की प्रेरणा मिलती है।


उक्त उद्गार उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने यहां बलरामपुर गार्डन में बीसवें पुस्तक मेले का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किये। बलरामपुर गार्डन में आज से बीसवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला आज से प्रारम्भ हो गया। ‘ज्ञान कुंभ’ की थीम पर केटी फाउंडेशन और फोर्स वन बुक्स द्वारा संयुक्त रूप से 11 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन गांधी जयंती तक बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग में किया जा रहा है।


इससे पहले अतिथियों ईशा रतन की गणेश वंदना से प्रारम्भ हुए कार्यक्रम में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। अतिथियों का स्वागत करते हुए संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने संस्थापक सहयोगी उमेश ढल को याद करते हुए पुस्तक मेलों के सफर के बारे में बताया कि वर्ष 2003 से यह पुस्तक मेला प्रारम्भ हुआ था।

इस वर्ष यह हमारा बीसवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला होगा। इसे देश के शीर्ष पुस्तक मेलों में गिना जाता है। पुस्तक मेले का उद्देश्य पढ़ने की आदत को बनाये रखना और घर-घर पुस्तकालय स्थापित करने की भावना को बल प्रदान करना है। मेले में हमेशा की तरह निःशुल्क प्रवेश होगा और पुस्तक प्रेमियों को न्यूनतम 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उत्तर प्रदेश ओलम्पिक संघ के उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया ने मेले से जुड़े अपने अनुभवों को सामने रखा। वरिष्ठ अधिवक्ता बाबू रामजीदास की अध्यक्षीय वक्तव्य में पुस्तकों के महत्व पर प्रकाश डाला। अंत में सहसंयोजक आकर्षण जैन व आकर्ष चंदेल ने सभी का आभार व्यक्त किया। दूसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए ईशा रतन, डाली तिवारी, जाह्नवी अवस्थी और हर्षिता इत्यादि सखियों ने कथक नृत्य, लोक नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां दीं।
मेले में आज पहले दिन दोपहर से ही पुस्तक प्रेमी उमड़ने लगे थे। मेले के अधिकांश स्टाल अच्छी तरह सज चुके थे। मेले के निदेशक आकर्ष चंदेल ने बताया कि बरसात का ख्याल करते हुए 15 हजार वर्ग फीट का वाटरप्रूफ जर्मन हैंगर लगाया गया है। मेले में राजकमल, वाणी प्रकाशन, भारतीय ज्ञानपीठ, राजपाल, दिव्यांश प्रकाशन, लोकभारती, प्रभात प्रकाशन, हिंद युग्म, सामायिक, सेतु, सम्यक, प्रकाशन संस्थान, प्रकाशन विभाग, केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण विभाग, हिंदी संस्थान आदि के स्टाल प्रमुख होंगे। इसके साथ ही जनगणना निदेशालय यूपी, राष्ट्रीय उर्दू भाषा संवर्धन परिषद, उर्दू अकादमी दिल्ली, सस्ता साहित्य मंडल, गायत्री ज्ञान मंदिर, वैदिक साहित्य, संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली, रामपुर रज़ा लाइब्रेरी पब्लिशर्स, तिरुमाला, यशिका, एंजेल और कई अन्य प्रकाशक और वितरक भाग ले रहे हैं।

स्थानीय लेखकों की पुस्तकों के प्रदर्शन और बिक्री के लिए मुफ़्त स्टॉल भी है। पुस्तक विमोचन, लेखक से मिलें, कवि सम्मेलन, मुशायरा जैसे विविध कार्यक्रमों का आयोजन पुस्तक मेला मंच पर होगा। बच्चों के कार्यक्रम भी होंगे। नेशनल बुक फेयर के सहयोगी रेडियो सिटी, विजय स्टूडियो, बुबचिक, ऑरिजिंस, स्टार टेक्नोलॉजीज, रेट्रोबी, ऑप्टिकुंभ, मैगजीन पार्टनर्स सिटी एसेंस और ट्रेड मित्र हैं।

23 सितम्बर के कार्यक्रम

पूर्वाह्न 11.00 बजे अनागत साहित्य संस्थान पुस्तक लोकार्पण
अपराह्न 1.00 बजे काव्य गोष्ठी
शाम 4.00 बजे अपराजिता जज्बा की ओर से काव्यगोष्ठी
शाम 5.00 बजे राजकमल प्रकाशन का कार्यक्रम
शाम 7.30 बजे तकी मीर फाउण्डेशन का सम्मान समारोह

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