पति की दीर्घायु कामना के लिए करवा चौथ व्रत कल
रात 8 बजे दिया जायेगा चन्द्रमा को अर्घ्य-पं. बृजेश पाण्डेय

गोरखपुर । भारतीय विद्वत महासंघ के महामंत्री व युवा जनकल्याण समिति के संस्थापक संरक्षक पण्डित बृजेश पाण्डेय ज्योतिषाचार्य के अनुसार करवा चौथ प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है.
इस बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आज 31 अक्टूबर दिन मंगलवार को रात 9 बजकर 30 मिनट पर प्रारम्भ होगी तथा चतुर्थी तिथि की समाप्ति कल 1 नवंबर दिन बुधवार को रात 9 बजकर 19 मिनट पर होगी. करवा चौथ व्रत उदयातिथि से मान्य होता है इसलिए करवा चौथ व्रत कल 1 नवम्बर दिन बुधवार को रखा जाएगा. व्रती महिलाओं को करवा चौथ व्रत प्रात: 6 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजे तक रहना है तथा चन्द्रमा रात को 8 बजे निकलेंगे तब व्रती महिलायें अर्घ्य देंगी.
करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से प्रारम्भ होता है तथा शाम को चांद निकलने तक रखा जाता है.
पं. बृजेश पाण्डेय ने बताया की चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों पानी पीकर ही महिलाएं ये व्रत खोलती हैं. करवा चौथ के दिन स्त्रियां शाम को चौथ माता,करवा माता और गणपति की पूजा करती है और चंद्रोदय के बाद चंद्रदेव को अर्घ्य दिया जाता है
करवा चौथ के दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं तत्पश्चात महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं.
ज्योतिषाचार्य ने यह भी बताया की शाम को स्त्रियां दुल्हन की तरह 16 श्रृंगार कर तैयार होती हैं और पूजा करती है तथा शाम को छलनी से चांद देखकर और पति की आरती उतारकर अपना व्रत खोलती हैं.मान्यता है कि माता पार्वती ने शिव के लिए,द्रौपदी ने पांडवों के लिए करवा चौथ का व्रत किया था. करवा चौथ व्रत के प्रताप स्त्रियों को अखंड सौभाग्यवती रहने के वरदान मिलता है.करवा माता उनके सुहाग की सदा रक्षा करती हैं और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है!