उत्तर प्रदेशक्राइममहराजगंज

जिन्दगी को जानने के पहले ही जीने का हक छीन लिया

सनकीपन की शिकार मासूम रिमझिम को श्रद्धांजलि- "चन्द्रेश शास्त्री"

एक नशेड़ी के सनकीपन ने मासूम रिमझिम जिसने अभी ज़िन्दगी को जाना समझा ही नहीं उससे जीने का अधिकार छीन लिया ! बेचारी मासूम रिमझिम ने बस बाल-सुलभ बचपना का परिचय ही तो दिया था जिसे उस नशेड़ी सनकी ने अपने न सहन करने वाले क्रोध का शिकार बना हत्या कर डाला ! महाराजगंज जनपद के निचलौल तहसील गांव लेदी में घटित घटना से पूरा क्षेत्र आहत भी है तो परेशान भी है ! क्या ऐसा भी हो सकता है ? साइकिल की सीट पर हाथ रखने के नाते किसी मासूम की हत्या हो सकती है ? निश्चय ही यह सभी के लिए चिंता और चिंतन का विषय है ! यह कैसे हो सकता है ? बाकी तो अपने विवेचना में पुलिस बाद में बताएगी पर अभी तक जो बताया जा रहा है मासूम रिमझिम का हत्यारा दीपक पहले से नशेड़ी है ! वह नशेड़ियों से ही बातें किया करता था ! नशेड़ी अक्सर अपने आपको सामाजिक मर्यादाओं से निरंकुश मानने लग जाते हैं ! नशा की कुप्रवृत्ति सामाजिक मर्यादाओं के लिए हमेशा से घातक रही है ! नशा की कुप्रवृत्ति निश्चय ही समाज में विभिन्न अपराधों को जन्म देने वाली है ! आखिर पांच वर्षीय मासूम रिमझिम से किसी की क्या शत्रुता हो सकती है ! अपने नन्ही सहेलियों के साथ खेल रही रिमझिम ने सामने रखे दीपक के साइकिल की सीट पर हाथ रख दिया था ! बताया जा रहा है जब दीपक ने मना किया तो वह नहीं हटी जबकि उसने बाल-सुलभ बचपना का परिचय देते हुए अपनी उंगली टेढ़ा कर चिढ़ा दिया था ! फिर दीपक आगबबूला हो गया और वह तेजधार वाले बकुआ को लाकर मासूम रिमझिम के गले पर वार करते हुए हत्या कर दी ! एक नशेड़ी की सनकीपन की शिकार मासूम रिमझिम जिसने जिन्दगी को जाना समझा ही नहीं उसका जीने का अधिकार छीन लिया गया उस मासूम रिमझिम को श्रद्धांजलि देते हैं ! समाज को नशीले पदार्थों के साथ नशा के आदी हो रहे युवाओं से भी सावधान रहने की जरूरत है ! खासकर अभिभावकों को हर तरह से अपने पाल्यो को नशीले पदार्थो से विरत रखने की आवश्यकता है !

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}