लखनऊ की सोनी शर्मा ने गणेश पूजा पर पेश की अनोखी मिसाल, घर में ही किया गणेश विसर्जन

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम की समाजसेवी सोनी शर्मा, जो तुलसिका सेवा संस्थान की अध्यक्ष हैं, ने इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर एक अनोखी और प्रेरणादायक मिसाल पेश की है।
अक्सर देखा जाता है कि गणेश विसर्जन के दिन लोग मूर्तियों को नदियों, तालाबों और अन्य जलाशयों में विसर्जित करते हैं। कई बार इस प्रक्रिया में मूर्तियों को ऊँचाई से फेंक दिया जाता है या फिर लापरवाही के चलते प्रदूषण फैलता है। परिणामस्वरूप नदियों का जल दूषित होता है और पर्यावरण पर भी इसका गंभीर असर पड़ता है।
लेकिन, सोनी शर्मा ने इस परंपरा को एक नए दृष्टिकोण से निभाया। उन्होंने गणेश चतुर्थी के अवसर पर अपने ही हाथों से मिट्टी से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई। पूरे श्रद्धा भाव से उसकी पूजा-अर्चना की और जब गणेश विसर्जन का समय आया तो उन्होंने अपने ही घर में उस प्रतिमा का विसर्जन किया।
सोनी शर्मा का मानना है कि सच्ची आस्था का अर्थ दिखावा नहीं बल्कि भावनाओं की पवित्रता है। उन्होंने कहा—
“गणपति बप्पा हमारे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लेकर आते हैं। अगर हम उनके नाम पर प्रकृति को नुकसान पहुँचाएँ, तो यह सही भक्ति नहीं है। इसी सोच के साथ मैंने अपने घर में ही मिट्टी के गणेश का विसर्जन किया, ताकि प्रकृति और पर्यावरण को कोई क्षति न पहुँचे।”
उनका यह प्रयास समाज के लिए एक बड़ी सीख है। पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ उन्होंने यह साबित किया कि अगर इच्छा हो तो परंपराओं को निभाते हुए भी प्रकृति को बचाया जा सकता है।
स्थानीय लोगों ने भी सोनी शर्मा के इस कदम की सराहना की और कहा कि यह कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।
सोनी शर्मा ने यह साबित कर दिया कि भक्ति और पर्यावरण—दोनों को साथ लेकर चला जा सकता है। लखनऊ में उनका यह कदम एक अनोखी पहचान बन गया है और निश्चय ही समाज में जागरूकता फैलाने में सहायक सिद्ध होगा।