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प्रयागराज के पूर्व सैनिक शिक्षक समूह ने सेना शिक्षा कोर (AEC) का 104 वा स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया

प्रयागराज के पूर्व सैनिक सेना शिक्षा कोर समूह के शिक्षक मित्र सपरिवार सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होकर तुलसी रेस्टोरेंट लाल बहादुर शास्त्री मार्ग सिविल लाइंस प्रयागराज में सेना शिक्षा कोर के स्थापना दिवस की 104 वी वर्षगांठ को बड़े धूमधाम से मनाया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व सूबेदार कारगिल युद्ध विजेता श्यामसुंदर सिंह पटेल संरक्षक वीर सेनानी पूर्व सैनिक कल्याण समिति प्रयागराज रहे अध्यक्षता कैप्टन एस एन दुबे , संचालन पूर्व सूबेदार मेजर मुकेश मिश्रा संयोजन कैप्टन आर सी तिवारी ,पूर्व सूबेदार मेजर ए के सिन्हा ,पूर्व सूबेदार मेजर सुरेश तिवारी,पूर्व सूबेदार डी के मिश्रा ,पूर्व सूबेदार मेजर एस पी सिंह,राकेश पांडे , प्रधानाचार्य मदन मोहन शंखघर , प्रवक्ता बृजेश शंखधर , प्रवक्ता आर के यादव आदि ने किया

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, सामूहिक राष्ट्रगान ,शिक्षा सेना कोर गीत जहाँ निर्भय चित और मस्तक ऊंचा ज्ञान हो बाधा हीन गीत गाकर भारत माता की जय के साथ हुआ तत्पश्चात सरस्वती वंदना की प्रस्तुति कवित्री श्रीमती डॉक्टर मधु शंखघर स्वतंत्र ,श्री मती बृजेश शंखधर ने प्रस्तुत कर कार्यक्रम को गति प्रदान किया तत्पश्चात सभी उपस्थित शाहबानो ने शिक्षा सेना कोर के अनुभव साझा किया जिसमें पूर्व सूबेदार मेजर मुकेश मिश्रा ने सेना शिक्षा कोर के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि सेना शिक्षा कोर का गठन प्रारंभ में 15 सितंबर 1845 में हुआ था

जिसका उद्देश्य जवानों को शिक्षित करना था 14 अप्रैल 1921 को इस कोर को वेलिंगटन से सेना शिक्षा कोर एंड ट्रेनिंग सेंटर के रूप में पंचमढ़ी में स्थापित किया गया 01 जून 1921 को भारत के प्रधान रक्षा सचिव ने AEC सेंटर को पूर्ण मान्यता प्रदान की तब से कोर का स्थापना दिवस 01 जून को मनाया जाने लगा पंचमढ़ी मध्य प्रदेश के सुरम्य पहाड़ियों के बीच स्थित है जो रमणीक पर्यटन स्थल है जिसे पांच पांडवों की स्थली माना जाता है पंचमढ़ी चौरागढ़ महादेव ,महादेव जटाशंकर ,गुप्त महादेव और अंबा माई पांच देवताओं की देवभूमि है जन्हा सेना शिक्षा कोर जवानों के बीच शिक्षा का आधार बना आज कोर ने पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स विदेशी भाषा कोर्स ,कंप्यूटर कोर्स और एशिया का सर्वश्रेष्ठ म्यूजिक सेंटर बनकर अनेक आयामों में आगे बढ़ रहा है सेना शिक्षा कोर से प्रशिक्षित अनुदेशक भारत के उच्च शिक्षकों में अनुभव प्राप्त शिक्षक हैं जो सेना से सेवा निवृत्ति के बाद भी सिविल सैक्षिक संस्थानों, विश्वविद्यालय तथा कॉलेजो में प्रधानाचार्य एवं प्रवक्ता के पदों पर कार्य करते हुए समाज को उच्च शिक्षा और अनुशासन का ज्ञान देते हुए अपने अनुभव से समाज और देश को आगे बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं जो सरहनीय है तत्पश्चात पूर्व सैनिक कवि व कवित्रियों ने अपनी रचनाएं पढ़कर कार्यक्रम में समां बांधी और लोगों को तालियां बजाने के लिए मजबूर किया जिसमें सुबेदार मेजर मुकेश मिश्रा ने सुनाया – मैं हूं बीमार गम, कोई ऐसा नहीं जैसे गुल शाख से टूट कर गिर पड़े ……,

इसी क्रम में डॉक्टर मधु शंखघर स्वतंत्र ने सुनाया – सेवानिवृत्त भाव मिलने हैं समय बहुत सुखदाई है……., दिल ने छेड़ा ही ऐसा अजब साज है …...

जिस पर लोगों ने खूब तालियां बजाई इसी प्रकार कई लोगों ने गीत, चुटकुले सुनाकर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्याम सुंदर सिंह पटेल ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा मानुषी श्रृंगार है शिक्षा बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है जैसा कि वर्णित है गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय इस तरह से शिक्षा और शिक्षक का जीवन में बहुत बड़ा स्थान है हमें इसे जन-जन तक पहुंचाना है लोगों को शिक्षा की ओर जागृत करना है आर्मी शिक्षा कोर सैनिकों को शिक्षित संस्कारित कर सैन्य बल से देश की रक्षा सुरक्षा की सीख शिक्षा सेना कोर से मिलती है।

जिसकी स्थापना सेना में 01 जून 1921 में सतपुड़ा की रानी पंचमढ़ी मध्यप्रदेश में हुई जो सेना शिक्षा का केंद्र है जहां से सैन्य शिक्षक प्रशिक्षित होकर पूरी सेना को अकादमिक एवं सैन्य शिक्षा प्रदान कर सैनिक को सुशिक्षित व सुसज्जित बनाते है इसीलिए शिक्षा सेना कोर का सिंबल विद्यैव बलम है जो अद्वितीय है जिस पर हमें गर्व है आज हम पूर्व सैनिक एकजुट होकर अपने अनुभव से जनहित ,समाज हित ,देश हित व पूर्व सैनिक हित के लिए सराहनीय कार्य कर रहे हैं यह कार्यक्रम भी उसी का हिस्सा है जिस पर सभी ने तालियों से स्वागत किया

अध्यक्षता कर रहे कैप्टन एस एन दुबे ने कहा आप सब बधाई के पात्र हैं कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी आप में वही उत्साह, जुनून और जज्बा है जो सेवा काल में था क्योंकि हमारा नारा है सैनिक भी हम, शिक्षक भी हम , हमारा आदर्श नारा विद्वैव बलम है जिसकी वजह से हम सब संगठित हैं और एकजुट होकर सभी के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं यही जीवन का लक्ष्य है मै आप सभी को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए आयोजकों का धन्यवाद एवं आभार प्रकट करता हूं ।

 

कार्यक्रम में शामिल प्रमुख लोगों में सीपी तिवारी,एस एन दुबे, श्याम सुंदर सिंह पटेल, मुकेश मिश्रा ,ए के सिन्हा , एस सी तिवारी, डीके मिश्रा, एस पी सोनी, ए के यादव ,ओ एस तिवारी, एसपी सिंह ,ए डी शुक्ला, आर के चतुर्वेदी ,घनश्याम मिश्रा, पी के राय ,उमाशंकर तिवारी ,आर के यादव ,डी एस पाठक ,एस सी तिवारी ,बी के शंखघर , एम एम शंखघर ,राकेश पांडे ,श्रीमती मधु शंखघर व कई महिलाएं शामिल रहीं अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापन पूर्व सूबेदार मेजर मुकेश मिश्रा ने किया व सहभोज के साथ कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न हुआ

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